राम मंदिर में मिला… पर्स में थे 66 हजार रुपये और एक आधार कार्ड, खोलकर देखा नाम तो इंस्पेक्टर भी रह गए हैरान - Found in Ram temple there were 66 thousand rupees and an Aadhar card in purse even inspector was surprised after seeing name
भारतीय अरबपति एवं बिजनेस मैग्नेट श्रीधर वेम्बू का परिवार राम मंदिर की सुरक्षा संभाल रही सीएम योगी की विशेष सुरक्षा फोर्स का कायल हो गया है। गत 22 जनवरी को रामलला का दर्शन करते तमिलनाडु निवासी वेम्बू की मां जानकी का पर्स मंदिर में गिर गया था जो विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) के निरीक्षक को मिला। पर्स में 66290 रुपये नकद आधार कार्ड व पूजा सामग्री थी।
रविप्रकाश श्रीवास्तव, अयोध्या। भारतीय अरबपति एवं बिजनेस मैग्नेट श्रीधर वेम्बू का परिवार राम मंदिर की सुरक्षा संभाल रही सीएम योगी की विशेष सुरक्षा फोर्स का कायल हो गया है।
गत 22 जनवरी को रामलला का दर्शन करते तमिलनाडु निवासी वेम्बू की मां जानकी का पर्स मंदिर में गिर गया था, जो विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) के निरीक्षक मानवेंद्र पाठक व उप निरीक्षक ओंकारनाथ त्रिपाठी को मिला।
पर्स में 66,290 रुपये नकद, आधार कार्ड व पूजा सामग्री थी। आधार कार्ड से पड़ताल करने पर पर्स के स्वामी का पता चला, लेकिन तब तक वेम्बू का परिवार तमिलनाडु पहुंच चुका था।
उन्होंने एसएसएफ अधिकारियों को रामनगरी में ठहरे अपने परिजन एस निवास का मोबाइल नंबर देकर पर्स उन्हीं को सौंपने का आग्रह किया। इसके बाद बुधवार को राम मंदिर पहुंचे एस निवास को एसएसएफ प्रभारी यशवंत सिंह ने पर्स सौंपा।
एसएसएफ की ईमानदारी का सराहा
यशवंत ने बताया कि श्रीधर वेम्बू प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में आमंत्रित विशिष्ट अतिथियों में थे। चार्टर्ड एकाउंटेंट एस निवास ने बताया कि श्रीधर वेम्बू तंजावुर के निकट तेनकासी के निवासी हैं। वेम्बू परिवार राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था की प्रशंसा करता है। एसएसएफ की ईमानदारी सराहनीय है।
पर्स में पूजा में प्रयुक्त होने वाली एक छोटी घंटी थी, जो श्रीधर वेम्बू की मां जानकी को बहुत प्रिय है। वह उन्हें मिल गई, जिसे लेकर वह प्रसन्न हैं।
श्रीधर देश में इसलिए विशिष्ट स्थान रखते हैं, क्योंकि वह अमेरिका की अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर बिजनेस करने के लिए भारत लौट आए। यहां उन्होंने जोहो नाम से सॉफ्टवेयर साल्यूशंस सर्विस प्रोवाइडर कंपनी शुरू की।
श्रीधर वेम्बू ने सोच लिया था कि वे भारत में रह कर अपना बिजनेस करेंगे। उन्होंने किसी मेट्रो सिटी में आफिस न खोल कर गांव में ही कार्यालय खोला और अरबों डालर की कंपनी खड़ी कर दी। उनकी गिनती देश के चुनिंदा अरबपतियों में होती है।