जेईई मेन 2024: शुरुआती शिफ्ट में परीक्षा देने वालों को ज्यादा अंक लाने पड़े
मुख्य बातें:
- 27 जनवरी की सुबह वाली शिफ्ट में 300 में से 233 नंबर पर 99 पर्सेटाइल मिला, जबकि 31 जनवरी को शाम की शिफ्ट में 151 नंबरों में ही 99 पर्सेटाइल हो गए।
- हर शिफ्ट में बैठने वाले स्टूडेंट्स के आधार पर पसेंटाइल तय होता है, इसलिए अलग-अलग अंकों पर समान पसेंटाइल संभव है।
- टॉपर्स का कहना है कि हार्ड वर्क, प्रैक्टिस, मॉक टेस्ट और सही गाइडेंस सफलता के लिए जरूरी हैं।
नई दिल्ली: जेईई मेन 2024 के पहले सत्र की परीक्षा 27 जनवरी से एक फरवरी के बीच 10 शिफ्ट में हुई थी। 27 जनवरी की सुबह वाली शिफ्ट में 300 में से 233 नंबर पर 99 पर्सेटाइल मिला, जबकि 31 जनवरी को शाम की शिफ्ट में 151 नंबरों में ही 99 पर्सेटाइल हो गए।
पसेंटाइल कैसे तय होता है?
हर शिफ्ट में बैठने वाले स्टूडेंट्स के आधार पर पसेंटाइल तय होता है। इसलिए, अलग-अलग शिफ्ट में अलग-अलग अंकों पर समान पसेंटाइल संभव है।
टॉपर्स के टिप्स
जेईई मेन 2024 में 100 पर्सेटाइल हासिल करने वाले आरव भट्ट (हरियाणा) और द्विजा (गुजरात) का कहना है कि हार्ड वर्क, प्रैक्टिस, मॉक टेस्ट और सही गाइडेंस सफलता के लिए जरूरी हैं।
आरव भट्ट
- रोज छह घंटे स्कूल में रहने के बाद रात एक बजे तक पढ़ाई करते हैं।
- सुबह फिर 5 बजे उठकर तैयारी करते हैं।
- नींद पर कंट्रोल जरूरी है।
- साइंटिस्ट बनना चाहते हैं।
द्विजा
- सोशल मीडिया से दूरी बनाई।
- खूब प्रैक्टिस की, मॉक टेस्ट दिए।
- सही गाइडेंस भी जरूरी होता है।
- आईआईटी मुंबई की सीएस ब्रांच से बीटेक करने की इच्छा है।
जेईई मेन और एडवांस्ड विशेषज्ञ आशीष अरोड़ा
- शुरुआती दिनों की शिफ्ट में कुछ सवाल मुश्किल थे।
- अंत के दिनों की पारी में दस सवालों का स्तर मुश्किल होता गया।
- जिन छात्रों ने इन मुश्किल दस सवालों पर समय खराब किया और हल नहीं कर पाए, वे टाइम प्रेशर की वजह से आसान सवालों में भी घबरा गए और अंक गंवा बैठे।
निष्कर्ष
जेईई मेन 2024 में सफलता प्राप्त करने के लिए छात्रों को कड़ी मेहनत, प्रैक्टिस और सही रणनीति की आवश्यकता है।
अतिरिक्त जानकारी:
- जेईई मेन 2024 के दूसरे सत्र की परीक्षा 4 से 15 अप्रैल तक आयोजित की जाएगी।
- जेईई मेन 2024 के लिए रजिस्ट्रेशन 2 मार्च तक खुला है।