चयनित B.ED शिक्षकों की मुसीबत बनी MP में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
भोपाल, 13 फरवरी 2024: मध्य प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए योग्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया था कि प्राथमिक शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता D.El.Ed. (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) होनी चाहिए। इस फैसले के बाद, B.Ed. (बैचलर ऑफ एजुकेशन) डिग्री धारक शिक्षकों की नौकरी खतरे में आ गई है।
सुनवाई के दौरान, मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि B.Ed. डिग्री धारकों को भी प्राथमिक शिक्षकों के लिए योग्य माना जाए। सरकार ने तर्क दिया कि B.Ed. डिग्री धारकों को शिक्षण में अधिक प्रशिक्षण और ज्ञान होता है, जो उन्हें प्राथमिक शिक्षकों के लिए बेहतर बनाता है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया और कहा कि D.El.Ed. प्राथमिक शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता बनी रहेगी। कोर्ट ने कहा कि B.Ed. डिग्री धारकों को उच्च प्राथमिक शिक्षकों के लिए आवेदन करने का विकल्प दिया जा सकता है।
इस फैसले से B.Ed. डिग्री धारक शिक्षकों में निराशा का माहौल है। कई शिक्षकों ने अपनी नौकरी जाने का डर जताया है। वहीं, D.El.Ed. डिग्री धारक शिक्षकों ने इस फैसले का स्वागत किया है।
इस मामले में कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को फैसला सुनाया था कि प्राथमिक शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता D.El.Ed. होनी चाहिए।
- 13 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई।
- मध्य प्रदेश सरकार ने B.Ed. डिग्री धारकों को भी प्राथमिक शिक्षकों के लिए योग्य माना जाने का अनुरोध किया।
- सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया।
- B.Ed. डिग्री धारक शिक्षकों में निराशा का माहौल है।
- D.El.Ed. डिग्री धारक शिक्षकों ने इस फैसले का स्वागत किया है।
इस मामले का भविष्य:
यह देखना बाकी है कि B.Ed. डिग्री धारक शिक्षकों को नौकरी से हटाया जाएगा या उन्हें उच्च प्राथमिक शिक्षकों के लिए आवेदन करने का विकल्प दिया जाएगा। मध्य प्रदेश सरकार इस मामले पर जल्द ही फैसला ले सकती है.