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19 August 2025

अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) रीवा के किसी भी कार्यक्रम के लिए उपयुक्त भाषण

अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) रीवा के किसी भी कार्यक्रम के लिए उपयुक्त भाषण


📌 विषय:
अच्छे चरित्र और व्यक्तित्व के समग्र विकास के लिए
ए.पी.एस. विश्वविद्यालय के नाम से “मॉडल स्कूल” की स्थापना हेतु प्रस्ताव

🙏 माननीय मुख्य अतिथि, विशिष्ट वक्ता, आदरणीय कुलगुरु, प्राध्यापकगण, सहकर्मी और प्रिय साथियों,

मैं आप सभी के समक्ष सादर एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने जा रहा हूँ, जो विश्वविद्यालय की ओर से चरित्र निर्माण और व्यक्तित्व के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सबसे पहले मैं अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा का धन्यवाद करता हूँ, जिसने “चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व का समग्र विकास” जैसे प्रासंगिक विषय पर इस राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया।

मान्यवर,
चरित्र निर्माण और व्यक्तित्व विकास कोई त्वरित प्रक्रिया नहीं है। यह एक दीर्घकालीन साधना है, जिसमें शिक्षा की भूमिका सर्वोपरि है।

🎓 वर्तमान में हमारे विश्वविद्यालय में ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और मास्टर के कुछ कोर्स संचालित हैं, जो 2-4 वर्ष की अवधि के होते हैं।
📚 जबकि स्कूली शिक्षा की कुल अवधि लगभग 15 वर्ष होती है।
➡️ हमारे यहाँ प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी पहले से ही अन्य स्कूलों के वातावरण के अनुरूप ढले हुए होते हैं, इसलिए उन्हें पूरी तरह से अपनी शैक्षणिक दृष्टि और आदर्शों के अनुसार ढालना कठिन होता है।

🌱 यदि विद्यार्थी नर्सरी से लेकर अंतिम कक्षा तक हमारे विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करेंगे, तो उनका विकास हमारी दृष्टि और आदर्शों के अनुरूप होगा। उनमें एक विशिष्ट चरित्र और सशक्त व्यक्तित्व का निर्माण होगा।

👉 इसी दृष्टिकोण से मेरा सुझाव है कि अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के नाम से “मॉडल स्कूल” की स्थापना की जाए। यह विद्यालय दो रूपों में संचालित होगा—

  1. आवासीय (Residential)
  2. गैर-आवासीय (Non-Residential)

📌 आवासीय विद्यालय का विशेष महत्व:
हमारा उद्देश्य केवल आधुनिक शिक्षा देना नहीं है, बल्कि भारतीय गुरुकुल व्यवस्था के सिद्धांतों को पुनः स्थापित करना भी है। इस विद्यालय में विद्यार्थी ऐसे परंपरागत गुरुकुल माहौल में रहेंगे, जहाँ शिक्षा के साथ-साथ योग, प्राणायाम, आयुर्वेदिक चिकित्सा ज्ञान और नैतिक मूल्यों का प्रशिक्षण मिलेगा। इससे विद्यार्थी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से संतुलित बनेंगे, ठीक उसी तरह जैसे प्राचीन गुरुकुलों में होता था।

📖 यह मॉडल स्कूल केवल सामान्य शिक्षा का केंद्र नहीं होगा, बल्कि स्किल-आधारित और प्रोजेक्ट-ओरिएंटेड शिक्षा का केंद्र बनेगा। बच्चों को किताबों तक सीमित न रखकर, प्रयोग, प्रोजेक्ट और जीवनोपयोगी कौशलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

🔑 मुख्य विशेषताएँ:

  • प्रारंभिक कक्षाओं से ही कौशल-आधारित शिक्षा
  • प्रोजेक्ट और प्रयोगों पर आधारित अधिगम
  • कला, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का समन्वय
  • चार “C” पर विशेष बल: Critical Thinking, Creativity, Communication, Character
  • विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु समग्र वातावरण
  • गुरुकुल परंपरा आधारित प्रशिक्षण: योग, प्राणायाम और आयुर्वेदिक चिकित्सा
  • अच्छे चरित्र और व्यक्तित्व के साथ-साथ विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास

🌟 मान्यवर, यदि ए.पी.एस. विश्वविद्यालय यह पहल करता है, तो यह न केवल विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाएगा, बल्कि पूरे रीवा और मध्यप्रदेश में शिक्षा का एक आदर्श स्थापित करेगा, अन्य संस्थानों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा, और भावी पीढ़ियों को शिक्षा क्रांति की दिशा में अग्रसर करेगा।

हमारे पास संसाधन, योग्य शिक्षक, स्थान और सबसे महत्वपूर्ण — दूरदर्शी दृष्टि (Vision) है। अब समय है कि इस योजना को साकार किया जाए।

🙏 अतः मैं इस कार्यशाला के मंच से निवेदन करता हूँ कि “मॉडल स्कूल” की स्थापना पर गंभीर विचार हो और इसके लिए समिति गठित कर शीघ्र कार्यवाही प्रारंभ की जाए।

आपका मार्गदर्शन और सहयोग इस ऐतिहासिक पहल को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

धन्यवाद।
लेखक✍️: हृदेश तिवारी
📱 9039342661