देर से शादी करने के नुकसान ! / Disadvantages of marrying late!

देर से शादी करने के नुकसान !

विवाह के लिए पूरा समय लेना अच्छी बात है परंतु बहुत अधिक देरी करने के भी बहुत नुकसान हैं। उचित समय पर विवाह ना करने से अनेक प्रकार की समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है। वैसे विवाह का निर्णय एकदम व्यक्तिगत होता है परंतु हमारे समाज में एक आयु के पश्चात विवाह का दबाव बढ़ने लगता है। सगे संबंधी, मित्र या फिर स्वयं घर के सदस्य विवाह को लेकर दबाव बनाना आरंभ कर देते हैं। और एक सीमा तक विवाह के लिए परिवार के लोगों के द्वारा दबाव बनाया जाना उचित भी है, क्योंकि विवाह करना जीवन का अभिन्न अंग है। यह कार्य समय पर हो ही जाना चाहिए। आइए जानते हैं कि सही समय पर विवाह ना करने से किन-किन समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है..

● फिजिकल इंटीमेसी की कमी- 
अधिक आयु होने पर अधिकतर महिलाओं का फिजिकल इंटीमेसी (शारिरीक अंतरंगता) में मन नहीं लगता है और वह उदासीन रहने लगती है। इस कारण से पति-पत्नी में झगड़ा भी बढ़ जाता है। उम्र बढ़ने के साथ ही पुरुषों में टेस्‍टोस्‍टेरोन कम होने लगता है और उनमें भी इंटीमेसी को लेकर दिलचस्पी खत्म होने लगती है, जिससे महिला के मां बनने में रुकावट आ सकती है।

● इनफर्टिलिटी की संभावना बढ़ जाती है-
महिलाओं में 30 की आयु के आसपास फर्टिलिटी (प्रजनन क्षमता) कम होने लगती है। 35 वर्ष की आयु के पश्चात तो यह और अधिक तेजी से घटने लगती है। जैसे-जैसे महिला की आयु बढ़ती जाती है, उसके गर्भवती होने की संभावना घटती जाती है और इनफर्टिलिटी होने की संभावना बढ़ती जाती है।

● बच्चों की देखभाल में कमी-
अधिक आयु हो जाने के कारण महिला द्वारा अपने बच्चों की देखभाल ठीक से नही हो पाती है। एक निश्चित आयु में ही वह ऊर्जा होती है जो बच्चों की देखभाल ठीक से करने के लिए आवश्यक होती है। दूसरी बात, अधिक आयु की मां अपने बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार (फ्रेंडली बिहेवियर) नही रख पाती है और बच्चे मन की बात माता को बता नही पाते हैं।

● झगड़े बढ़ जाते हैं-
अधिक देर से विवाह होने पर जिम्मेदारी और प्राथमिकताएं बदलने लग जाती हैं और कपल एक दूसरे को समझ नहीं पाते हैं। परिणामस्वरूप वो एक दूसरे से बात-बात में झगड़ा करते रहते हैं। इसके अतिरिक्त आयु बढ़ जाने पर इगो लेवल भी बढ़ जाता है जिससे लड़ाई झगड़े की सम्भावना बनी रहती है। क्‍योंकि दोनों में से कोई भी झुकने को तैयार नहीं होता है।

● रिश्‍ते को अधिक महत्व ना देना- 
आज के इस भागदौड़ वाले जीवन में लोग अपने संबंधों से अधिक करियर को प्राथमिकता देते हैं चाहे फिर वो लड़का हो या लड़की। इस कारण वो सही आयु में विवाह नहीं कर पाते हैं। देर से विवाह करने के पश्चात भी वो रिश्‍ते से अधिक करियर को ही महत्व देते हैं, इससे रिश्‍ते में मनमुटाव होने लगता है। परिवार टूटने की संभावना बन जाती है।

● जीवन की योजनाएं अधुरी रह जाती है-
जिस समय बच्चों के कैरियर की योजनाएं बनाई जानी चाहिए, उस समय यदि बच्चों का जन्म हो, तो जीवन की सभी योजनाएं, सभी सपने 10-25 वर्ष लेट हो जाती हैं और योजनाएं साकार करने का समय आते आते आयु बहुत अधिक हो चुकी होती है और वो भागदौड़ नही कर पाते जो कि आवश्यक होती है, परिणामस्वरूप योजनाएं पूरी नही हो पाती है।
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